हमसफर

सोमवार, 11 जनवरी 2016

सागर-वरुण ने बनाया 13 टैब्स डॉट कॉम

उपलब्धि : अब यूजर सेफ अनोखे सर्च इंजन पर खोजिए अपनी सामग्री


'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा' का जब भाव मन में हो, तो कुछ भी मुमकिन है. कुछ ऐसे ही मिजाज के हैं इलेक्ट्रॉनिक्स से बीटेक सागर मिश्रा. धनबाद के रहने वाले सागर ने तय रास्ते से हटकर आइटी सेक्टर के लिए इंडिजेनस इन्नोवेशन का चुनौती भरा रास्ता चुना और परिणाम सामने है. इस कार्य में उनके साथ थे छोटे भाई वरुण मिश्रा. 

प्रोफेशनल डिग्री यानी खुशियों की चाबी. क्योंकि इससे बड़े पैकेज की नौकरी का ताला आसानी से खुलता है. इसी फंडे पर चलते हुए भारतीय युवाओं की बड़ी फौज हर साल इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट की डिग्री लेकर संस्थानों से बाहर आती है. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स से बीटेक धनबाद के युवा सागर मिश्रा ने सुनिश्चित भविष्य के इस तयशुदा रास्ते से हटकर आइटी सेक्टर के लिए इंडिजेनस इनोवेशन का चुनौती भरा रास्ता चुना. सर्च इंजन के जोखिमों और इससे होनेवाली परेशानी के मद्देनजर स्कूली जीवन में ही सागर ने एक यूजर सेफ सर्ज इंजन बनाने का सपना संजोया था सागर-वरुण ने. यह जिद उसने गत 15 दिसंबर को दुनिया का अनोखा सर्च इंजन 13टैब्स डॉट कॉम लांच कर पूरी की. इस काम में उसके सहयोगी की भूमिका में उसके छोटे भाई टीसीएस में आइटी इंजीनियर वरुण मिश्रा थे. दोनों ने ही एआइपीएमटी के इंट्रेंस के जरिये अलग-अलग संस्थानों से बीटेक (इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन) किया है.
परेशानियों से प्रेरणा : सीसीएसओ (सेल), धनबाद में कार्यरत व सरायढेला की लोहारकुल्ही के एसके मिश्रा के पुत्र सागर व वरुण ने डीपीएस से दसवीं व बारहवीं की. स्कूली जीवन में जानकारियों के लिए सर्च इंजन को खंगालने के क्रम में अन्य लोगों की तरह सागर को भी कई परेशानियों से दो चार होना पड़ता था. पर इन परेशानियों को उसने चुनौती के रूप में लिया. सर्च इंजन के प्लेटफॉर्म पर सूचनाओं के अथाह सागर में वह अपने को निहत्था पाता था. विकल्पों के वर्गीकृत (कैटेगोराइज्ड) नहीं होने से हजारों विकल्पों का पीछा करते हुए कई बार मूल सामग्री से दूर जाने का खतरा बना रहता था. सागर ने अनुभव किया कि अपेक्षित जानकारियों के अभाव में यह काम समयसाध्य व श्रमसाध्य हो जाता है. यही दौर था जब उसने एक देशी सर्च इंजन बनाने की ठानी थी. इस काम के दौरान उनके एक पीसी व दो लैपटॉप क्रैश कर गये, लेकिन ''हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा'' की तर्ज पर उन्होंने हार नहीं मानी.
13 टैब्स डॉट कॉम की खासियत : इस सर्च इंजन पर ब्राउज करनेवाले यूजर की कोई हिस्ट्री नहीं रखी जाती है, और उसके आंकड़ों को किसी दूसरी एजेंसी से साझा करना मुमकिन नहीं. वेबपेज पर 13 टैब्स हैं जो सर्च का वर्गीकरण हैं. खोजी जानेवाली सामग्री इन्हीं 13 में से किसी वर्ग में आयेगी. उसे सर्च के क्रम में दूसरे पेज पर जाने की जरूरत नहीं. मात्र पंद्रह दिनों में फेस बुक पर इस इंजन से संबंधित दस हजार क्वायरी हो चुकी है. एक करोड़ 11 लाख पेज के साथ शुरू हुए इस सर्च इंजन में पेजों की संख्या 15 दिनों में पांच गुनी हो चुकी है. जनवरी में विज्ञापनदाताओं के लिए इस पर विशेष सुविधा दी जायेगी.
प्रयोक्ता को जोखिमों से बचानेवाला : दरअसल सभी मौजूदा सर्च इंजन ब्राउजिंग के वक्त यूजर्स की सर्च हिस्ट्री रखते जाते हैं. इसी ब्राउजंग हस्ट्री से सर्च इंजन प्रोफाइल बना लेते हैं. इसी प्रोफाइल के आधार पर वह आइंदा सर्च करने पर आपके लिए वही जाने-पहचाने आसान विकल्प प्रस्तुत करता है. यदि प्रयोक्ता (यूजर) के पास जानकारी और सूचना का अभाव है, तो वह अपनी सीमाओं में ही घूमता रह जाता है. दुनिया के सभी सर्च इंजन अपने सारे डाटा 'आइ कैन' नामक अमरीकी संगठन को बेचते हैं. यहां तक कि शीर्ष पंद्रह सर्च इंजन में नंबर वन गूगल भी सारे डाटा इसीके हवाले करता है. इस तरह यूजर की आजादी पर आसानी से निगाह रखी जाती है. इन कारणों से कई बार प्रयोक्ता कई खतरों में पड़ जाता है. लेकिन 13टैब्स डॉट कॉम पर ऐसा कोई जोखिम नहीं होता.

प्रोफाइल
सागर मिश्रा
12वीं डीपीएस, धनबाद (2005)
बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन), एसबीसीइटी (जयपुर), 2010
बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स (एमआइटी, अमेरिका), 2012
संप्रति : 13टैब्स डॉट कॉम का संचालन
वरुण मिश्रा
12वीं डीपीएस, धनबाद (2008)
बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन), एसबीसीइटी (जम्मू), 2013
बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स (एमआइटी, अमेरिका), 2013
संप्रति : टीसीएस में

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